Friday, November 23, 2018

सुरक्षा बलों ने पत्रकार बुखारी के हत्यारे समेत 6 आतंकियों को मार गिराया

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में सुरक्षाबलों ने शुक्रवार को 6 आतंकियों को मार गिराया। आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के बताए जा रहे हैं। मारे गए आतंकियों में पत्रकार शुजात बुखारी का हत्यारा भी शामिल है। मुठभेड़ बिजबेहरा के सेकिपोरा गांव में हुई।

पुलिस के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर सेना और सुरक्षाबलों के जवानों ने सुबह तलाशी अभियान शुरू किया था। मुठभेड़ में आजाद मलिक भी मारा गया। मलिक राइजिंग कश्मीर के संपादक बुखारी की हत्या में शामिल आतंकियों में से एक था। बुखारी की हत्या 14 जून को श्रीनगर के लाल चौक के पास हुई थी। आतंकियों ने बुखारी पर फायरिंग कर दी थी, इसमें दो सुरक्षाकर्मियों की भी मौत हो गई थी

बड़ी मात्रा में हथियार बरामद

पुलिस के मुताबिक, आतंकियों के पास से काफी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया। सुरक्षाबलों ने कुछ और आतंकियों को घेर रखा है। प्रदर्शनों से निपटने के लिए अनंतनाग में ऐहतियातन मोबाइल और इंटरनेट सेवा पर रोक लगाई गई है।

शोपियां में मारे गए थे हिजबुल के 4 आतंकी
20 नवंबर को शोपियां के नदीगाम इलाके में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के चार आतंकियों को मार गिराया था। इस दौरान एलिट पैरा यूनिट का जवान एचसी विजय शहीद हो गया। दो अन्य सिपाही घायल हुए थे। दक्षिण कश्मीर के अचबल में आतंकियों ने इसी दिन हुर्रियत नेता हफीजुल्ला मीर को गोली मारकर हत्या कर दी थी। इससे पहले 14 नवंबर को भी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास घुसपैठ की कोशिश कर रहे तीन आतंकियों को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया था।

राजासांसी के गांव अदलीवाल स्थित निरंकारी भवन पर बम हमले के पीछे पाकिस्तान में आईएसआई की शरण लिए हुए खालिस्तानी आतंकियों का हाथ होना बताया जा रहा है। इनमें आतंकी हरमीत सिंह पीएचडी का नाम भी शामिल है। 40 साल का हरमीत ऐसा खालिस्तानी आतंकी है, जो राज्य में फिर आंतक फैलाने के लिए पूरी ताकत लगा रहा है।

सुरक्षा एजेंसियों के सूत्र बताते हैं कि आतंकी हरमिंदर सिंह मिंटू की मौत के बाद आईएसआई ने हरमीत को जिम्मेदारी सौंपी है कि वह राज्य में माहौल खराब करने के लिए अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करे। हरमीत भी अमृतसर के छेहर्टा का मूल निवासी है। खालिस्तान लहर से जुड़े युवा हरमीत के साथ हैं। सुरक्षा एजेंसियां इस दिशा में जांच कर रही हैं।

कश्मीर पैटर्न पर किया गया गया हमला
डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने आतंकी हमले की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि कश्मीर में भी इसी तरह के ही आतंकी हमले किए जाते हैं। माना जा रहा है कि हमले में इस्तेमाल ग्रेनेड भी जम्मू-कश्मीर से ही लाया गया था, क्योंकि इस तरह के ग्रेनेड आतंकी वहां आर्मी पर हमला करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। कश्मीर में भी आतंकियों के मददगार इस तरह के हमले कर भाग जाते हैं। 14 सितंबर को मकसूदां थाने पर भी आतंकी ग्रेनेड अटैक कर भागे थे। सत्संग भवन पर हमले का तरीका भी ऐसा ही है। कुछ दिन पहले आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने भी कहा था कि बाहरी ताकतों के जरिये पंजाब में फिर से आतंकवाद को जिंदा करने की साजिश रची जा रही है।

मोबाइल लोकेशन से सुराग की तलाश

सुरक्षा एजेंसियों ने बम कांड से एक घंटे पहले और बमकांड के बाद घटना स्थल के आसपास मौजूद मोबाइलों की टॉवर लोकेशन और कॉल डिटेल की जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन पंजाब में मौजूद खालिस्तान समर्थकों को हर तरह की मदद उपलब्ध करा रहे हैं। इसके पीछे मकसद पंजाब में हिंसा फैलाने और कश्मीर को भारत से अलग करवाना है। 

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